देहरादून। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने गुरुवार को ग्राउंड जीरो पर उतरकर डेंगू की रोकथाम के कार्यों को परखा। उन्होंने डेंगू से प्रभावित धर्मपुर, रेसकोर्स, आफिसर्स कालोनी बी व सी ब्लॉक, अजबपुर, नेहरू कॉलोनी आदि में घरों में लोगों से बात की। इस दौरान उनके साथ स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम की टीम और आशाएं भी मौजूद रहीं।
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने आशा कार्यकर्ताओं और नगर निगम टीम का मनोबल बढ़ाते हुए उनके साथ कदम से कदम मिलाकर डेंगू लार्वा पनपने वाले स्थानों को नष्ट किया। साथ ही फॉगिंग का निरीक्षण कर लार्विसाइड का छिड़काव कराया। उन्होंने स्थानीय लोगों से फीडबैक लेने के साथ अपील की कि वह स्वयं आगे बढ़कर अपने घरों और आसपास साफ सफाई रखें। पानी को किसी भी कीमत पर जमा ने होंने दें। कहा कि लोगों के सहयोग से डेंगू पर पूरी तरह विजय प्राप्त की जा सकती है।
रायपुर सीएससी में मिली खामियां
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने रायपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण भी किया। उन्होंने वार्डों और अस्पताल में साफ सफाई को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की। अस्पताल में खून जांच लैब बंद मिली। जिस पर उन्होंने अधिकारियों से लापरवाह कर्मचारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। सीएमएस को भी सुविधाओं को जल्द दुरूत करने को कहा। मौके पर सीएमओ डॉ संजय जैन, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ पंकज सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खन्ना, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. जोशी आदि मौजूद थे।
ईलाज में कोताही बरतने वालों पर हो कार्यवाही
स्वास्थ्य सचिव ने जिलाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए लिखा कि जैसा कि आप सभी विदित हैं की वर्तमान में डेंगू रोग राज्य में प्रसारित हो रहा है। डेंगू रोग से ग्रसित रोगियों द्वारा विभिन्न राजकीय एवं निजी चिकित्सालय में उपचार प्राप्त किया जा रहा है। डेंगू रोग से स्वस्थ होने में समयबद्ध व मानक उपचार प्रदान किया जाना आवश्यक है। इसी संबंध में पत्र संख्या 271/ व0नि0स0-स0/ चि0स्वा0 एवं चि0षि0/ 2023 दिनांक 04/09/2023 के द्वारा स्टैंडर्ड क्लीनिकल एडवाइजरी भी जारी की गई है।
इसी क्रम में आप सभी को निर्देशित किया जाता है कि आप अपने स्तर से अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर नियमित रूप से सभी राजकीय व निजी चिकित्सालयों में डेंगू उपचार हेतु उपलब्ध चिकित्सा सुविधा के अनुश्रवण तथा उपचार प्राप्त कर रहे डेंगू रोगियों की स्वास्थ्य दशा की निगरानी करने हेतु निर्देशित करें। यदि इलाज में किसी भी चिकित्सालय द्वारा किसी प्रकार की कोताही बरतने का मामला संज्ञान में आता है तो उक्त चिकित्सालय पर दंडात्मक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।