वृद्धा एवं विकलांग पेंशन को लेकर लगातार फर्जी शिकायत समाज कल्याण के अधिकारियों को की जा रही है लेकिन शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने को लेकर क्षेत्र के एक एडवोकेट व समाजसेवी द्वारा यह शिकायत की गई कि बेलडा गांव में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र को एडिट करते हुए आधार कार्ड को अपडेट कर 35 और 40 साल के युवाओं को वृद्धा पेंशन का लालच देकर गुमराह किया जा रहा है।
जिसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा कई बार शिकायत समाज कल्याण के अधिकारियों को भी की गई लेकिन अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते हुए फर्जी काम करने वाले बार-बार बचते नजर आए। वही समाजसेवी एडवोकेट द्वारा अधिकारियों से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराया गया तब जाकर अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच करने की बात कही।
इसी दौरान कल समाज कल्याण विभाग अधिकारियों की एक टीम ग्राम बेलडा पहुंची जिनके द्वारा फर्जी तरीके से पेंशन का लाभ लिया जा रहा है ग्रामीणों को नोटिस दिया गया और सभी को अपने सभी दस्तावेज लेकर रुड़की ब्लॉक उपखंड कार्यालय बुलाया गया है। दरअसल आरोप यह है कि ग्राम बेल्डा, बाजूहेड़ी, मेहवड़ खुर्द, मोहम्मदपुर पांडा आदि गांव में करीब 400 से 500फर्जी तरीके से पेंशन बनाने का काम किया गया जिसकी शिकायत जिलाधिकारी हरिद्वार एवं समाज कल्याण अधिकारी को की गई जिस पर समाज कल्याण अधिकारी के द्वारा जांच करने की बात कही गई।
वही शिकायतकर्ता का कहना है कि अगर अधिकारियों के द्वारा जांच में लापरवाही की गई तो उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा और इन सभी वृद्धा एवं विकलांग पेंशन लेने वाले पेंशनधारकों की माननीय न्यायालय के आदेश पर पैनल में मेडिकल परीक्षण कराने की बात कही जाएगी क्योंकि इनके पास जो फर्जी दस्तावेज है आखिरकार वह कहां से आए और किस तरह बने यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि यह सभी लोग जब अधिकारियों के सामने आएंगे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा क्योंकि सभी की उम्र 35 से 40 एवं 50 साल के बीच है लेकिन पिछले करीब 10 वर्षों से यह सभी लोग विकलांग एवं वृद्धा पेंशन ले रहे हैं जोकि सरकार एवं समाज कल्याण विभाग को एक बड़ी हानि हो रही है।