बाबा केदारनाथ से धोखा? 228 किलो सोना, साजिश और शंकराचार्य का सनसनीखेज दावा

दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है। अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मुद्दे पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है, लेकिन इस मुद्दे को उठाया नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा, “केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया है। आज तक उस पर कोई जांच नहीं हुई है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब यह कहा जा रहा है कि दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा, “वो मेरे पास आए और प्रणाम किया। हमारा जो नियम है, हमने उन्हें आशीर्वाद दिया। नरेंद्र मोदी हमारे दुश्मन थोड़े हैं। हम उनके हितैषी हैं और हमेशा उनका हित चाहते हैं। जब उनसे कोई गलती होती है, हम उसको लेकर बोलते हैं।”

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने सोशल मीडिया में फैलाये जा रहे भ्रम को षड्यंत्र का हिस्सा बताया है। समिति ने कहा कि एक दानी दाता ने श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की इच्छा प्रकट की थी। उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर स्वर्णमंडित करने की अनुमति दी गई।

बीकेटीसी ने स्पष्ट किया कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 के अनुसार ही दान स्वीकारा गया है और प्रदेश शासन से अनुमति ली गई है। भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में स्वर्णमंडित करने का कार्य किया गया। बीकेटीसी ने यह भी बताया कि गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का कार्य स्वयं दानी दाता ने अपने स्तर से किया है। उन्होंने अपने ज्वैलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और उन पर सोने की परत चढ़ाई गई। इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित किया गया।

शंकराचार्य के दावों के बाद, यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है। जहां एक ओर भक्तों की भावनाओं का ध्यान रखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। मामले की जांच और पारदर्शिता सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न हो।

श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का कार्य एक पवित्र उद्देश्य से किया गया है, लेकिन इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इस प्रक्रिया में कोई धांधली न हो। सोने की चोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराई जानी चाहिए ताकि जनता का विश्वास बना रहे।

समाज में हो रही चर्चाओं और आरोप-प्रत्यारोपों के बीच यह जरूरी है कि सरकार और संबंधित प्राधिकरण पूरी पारदर्शिता से काम करें। सोने के घोटाले की जांच की जाए और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सजा दी जाए। इस प्रकार की घटनाओं से धार्मिक स्थलों की पवित्रता और सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगना चाहिए।

केदारनाथ मंदिर देश के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। वहां की सुरक्षा, पवित्रता और पारदर्शिता बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। जो भी इस मामले में दोषी पाया जाता है, उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।

इस घटना से यह भी साफ होता है कि धार्मिक स्थलों पर होने वाले कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बहुत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हो और भक्तों का विश्वास कायम रहे।

सरकार को चाहिए कि वह इस मामले की गहन जांच कराए और दोषियों को सजा दिलाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हो और धार्मिक स्थलों की पवित्रता और सुरक्षा बनी रहे।

Jago Pahad Desk

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