देहरादून, 29 सितम्बर। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून के राजपुर स्थित सीएसआई इंस्टिट्यूट के सभागार में ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि यह मात्र समीक्षा नहीं बल्कि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक चिंतन है।
शुक्रवार को आयोजित इस समीक्षा में ग्राम्य विकास विभाग के उच्च अधिकारियों सहित प्रदेश भर के सीडीओ तथा वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के सभी खंड विकास अधिकारी जुड़े। बैठक के दौरान विभाग द्वारा किए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन और विभाग द्वारा आगामी कार्यक्रमों के लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान विभाग द्वारा संचालित ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत केंद्र पोषित योजनाओं (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना-एनआरएलएम प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना) और राज्य वित्त पोषित योजनाओं (प्रधान) की समीक्षा की। मंत्री ग्राम सड़क योजना, मेरा गांव मेरी सड़क, मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना और एकीकृत आजीविका सहायता परियोजना आदि योजनाओं का प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने ग्राम्य विकास विभाग में बेहतर कार्य करने वाले खंड विकास अधिकारियों को शाबाशी भी दी।
विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने ग्राम्य विकास विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचे। इस दिशा में अधिकारियों को मंत्री गणेश जोशी ने पूर्ण मनोयोग से कार्य करने के भी निर्देश दिए।
मंत्री ने कहा उत्तराखंड में श्री अन्न मिलेट्स की अपार संभावनाएं है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को श्री अन्न के प्रति लोगों लोगो को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा श्री अन्न स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभदायक है। मंत्री ने अधिकारियों को कहा ग्रामीण पर्यटकों पर विशेष ध्यान दिए जाए। मंत्री ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आजीविका में किस प्रकार वृद्धि हो इस पर ठोस नीति बनाई जाए। मंत्री ने अधिकारियों को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूर्ण करने के भी निर्देशित किया।
इस अवसर पर सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, अपर सचिव नितिका खण्डेलवाल, आयुक्त आनन्द स्वरूप, एके राजपूत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।