वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने केन्द्रीय बजट के लिए राज्यों के सुझाव के सम्बन्ध में नई दिल्ली में आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया

उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आगामी केन्द्रीय बजट के लिए राज्यों के सुझाव के सम्बन्ध में नई दिल्ली में आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया।

शनिवार को भारत मंडपम में आयोजित बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री भारत सरकार श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने की। बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी तथा विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों सहित केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड की ओर से वित्त मंत्री श्री प्रेम चन्द अग्रवाल एवं सचिव वित्त श्री दिलीप जावलकर उपस्थित थे।

बैठक में उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल ने देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से बजट निर्माण पूर्व बैठक में प्रतिभागिता का अवसर देने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री जी का आभार व्यक्त किया। आगामी बजट में उत्तराखण्ड की भौगोलिक एवं परिस्थितियों को विशेष रूप से सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल ने तीन बिन्दुओ को प्रमुखता से उठाया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि एक पर्वतीय व सीमान्त राज्य होने के दृष्टिगत सुदृढ़ कनेक्टिविटी व सुचारू आवागमन एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। ऑल वेदर रोड़ व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना सहित राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं पर द्रुतगति से हो रहे कार्य हमारे लिए संजीवनी का कार्य कर रहे हैं। हमें आशा है कि आगामी बजट में उत्तराखण्ड को नयी केन्द्रीय योजनाओं का आशीर्वाद मिलेगा। इस आलोक में आगामी बजट में ऋषिकेश-उत्तरकाशी तथा टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना हेतु आवश्यक प्रावधान करने का निवेदन किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड सहित कुछ दूसरे हिमालयी राज्यों को प्रतिवर्ष लैण्ड स्लाइड का सामना करना पड़ रहा है। क्रोनिक लैण्ड स्लाईड के ट्रीटमेंट हेतु राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्थान की स्थापना उत्तराखण्ड के सीमान्त व संवेदनशील जनपद यथा-चमोली, पिथौरागढ़ तथा चम्पावत आदि में किये जाने का अनुरोध किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि भू-जल के स्तर में क्षरण एक ज्वलन्त समस्या है। यह देखा गया है कि हिमालय के तराई भाग में भूजल के स्तर में तीव्रता से क्षरण हो रहा है। आबादी का बडा भाग तराई क्षेत्र में निवास करता है। यहाँ के वाटर टेबल को बचाये जाने के लिए तथा भूजल के स्तर में क्षरण को यथा शीघ्र रोके जाने के लिए गम्भीर प्रयासों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस सम्बन्ध में हमारे राज्य की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं यथा कुमायूँ मण्डल के हल्द्वानी एवं समीपवर्ती तराई के शहरों में सिंचाई व पेयजल आपूर्ति हेतु जमरानी बांध परियोजना एवं गढवाल मण्डल में देहरादून व उपनगरीय क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निदान हेतु सौंग बांध परियोजना उल्लेखनीय हैं। केन्द्र सरकार की कृपा से जमरानी बांध परियोजना को पी. एम.के.एस.वाई. ए.आई.वी.पी. योजना के अन्तर्गत आच्छादित किया जा चुका है। इसी क्रम में गढवाल मण्डल में देहरादून व उपनगरीय क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निदान हेतु सौंग बांध परियोजना जो यद्यपि सिंचाई परियोजना नहीं है तथापि भूजल के स्तर को बनाये रखने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि वित्त पोषण हेतु सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया।

कई बिंदुओं को लेकर डॉ अग्रवाल ने दिया ज्ञापन

  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा जल जीवन मिशन योजना से राज्य में विद्यमान ग्रेविटी स्कीमों की तुलना में पम्पिंग स्कीमों पर अधिक निर्भरता के दृष्टिगत राज्य द्वारा अतिरिक्त व्यय की ओर ध्यान आकर्षित किया गया तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अनुरूप ही जल जीवन मिशन योजना के अनुरक्षण के लिए भी केन्द्रीय सहायता का अनुरोध किया गया।
  • SDRF योजना से अनाच्छादित आपदाओं/ घटनाओं हेतु नई योजना प्रारम्भ करने हेतु अथवा अनाच्छादित मदों जैसे High Voltage Transmission Lines / वनाग्नि आदि घटनाओं को SDRF की Guideline से आच्छादित करने का अनुरोध किया।
  • राज्य के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित किये जाने हेतु रू. 2 करोड़ प्रति मेगावाट की दर से रू. 8 हजार करोड़ की Viability Gap Funding (VGF) प्रदान करने हेतु आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में करने का अनुरोध किया। वृद्धावस्था पेंशन हेतु केन्द्रांश को रू0 200 से बढ़ाकर रू0 500 किये जाने, मानसखण्ड माला

•मिशन के अन्तर्गत इंटरनल कनेक्टिीविटी को सुदृढ़ करने, नेट फेज-2 परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन किये जाने एवं मनरेगा कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों हेतु श्रम व सामग्री का अनुपात 60:40 के बजाय 50:50 किये जाने का अनुरोध किया।

  • राज्य में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुाओं के आने (फ्लोटिंग पोपुलेशन) के परिणाम स्वरूप साफ-सफाई एवं अवस्थापना सुविधाओं के नों के अनुरक्षण हेतु आगामी बजट में यथोचित योजना के अन्तर्गत इस बिन्दु पर सहानुभूतिपूर्वक अनुदान देने के लिये विचार करने का अनुरोध किया।

डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं व केन्द्रीय अनुदानों से प्रदेश के सर्वांगीण विकास का पथ प्रशस्त हुआ है। केन्द्र के आशीर्वाद से हमारी विकास यात्रा को गति मिली है।

Jago Pahad Desk

"जागो पहाड" उत्तराखंड वासियों को समाचार के माध्यम से जागरूक करने के लिए चलाई गई एक पहल है।

http://www.jagopahad.com

You cannot copy content of this page

उत्तराखंड में पंचम धाम के तौर पर स्थापित हो रहा महादेव का यह मंदिर माँ मनसा देवी मंदिर का धार्मिक महत्व व इतिहास भद्राज मंदिर और उसके ट्रेक का विस्तृत परिचय Mystery of Jhakar Saim Temple Where is the temple of God of Justice in India?