माणा में भारी हिमस्खलन से चार मजदूरों की मौत, पांच अब भी लापता

चमोली– उत्तराखंड के माणा में शुक्रवार को ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ, जिससे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप को नुकसान पहुंचा। इस आपदा में 55 मजदूर बर्फ में दब गए थे, जिनमें से 50 को सुरक्षित निकाला जा चुका है। हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई, जबकि पांच अब भी लापता हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, घायलों का इलाज
प्रशासन, सेना और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई हैं। शनिवार को 25 घायलों को ज्योर्तिमठ लाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। गंभीर रूप से घायल दो मजदूरों को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है।

पीएम मोदी ने ली जानकारी, सीएम धामी मौके पर मौजूद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी ने मौके पर पहुंचकर राहत अभियान का जायजा लिया और घायल मजदूरों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। उन्होंने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों की हरसंभव मदद करेगी।

सेना के हेलीकॉप्टरों से बचाव अभियान
सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण सेना छह हेलीकॉप्टरों की मदद से बचाव अभियान चला रही है। इसमें भारतीय थल सेना के तीन चीता हेलीकॉप्टर, एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर और एक किराए का हेलीकॉप्टर शामिल हैं।

बचाव अभियान तेज, लापता मजदूरों की तलाश जारी
डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने पुष्टि की है कि 46 मजदूर सुरक्षित हैं, चार की मौत हो चुकी है, और पांच मजदूरों की तलाश जारी है। प्रशासन, सेना और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में पूरी क्षमता से जुटी हैं। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को तेजी से रेस्क्यू अभियान पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

Jago Pahad Desk

"जागो पहाड" उत्तराखंड वासियों को समाचार के माध्यम से जागरूक करने के लिए चलाई गई एक पहल है।

http://www.jagopahad.com

You cannot copy content of this page