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गणेश चतुर्थी आज, भूल कर भी ना करें यह गलती, वरना नाराज हो जाएंगे बप्पा

Ganesh Chaturthi 2023 : अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि गणपति बप्पा की विधि-विधान से पूजा आराधना करने से साधक के हर प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. लेकिन गणेश चतुर्थी के दिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक भगवान गणेश को कुछ चीज अर्पित करने की मनाही होती है.

अयोध्या: हिंदू धर्म में कोई भी मांगलिक अथवा शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है, क्योंकि वह सभी विघ्न हर लेते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी का उत्सव अगले 10 दिनों तक चलता है. इस साल गणेश चतुर्थी की शुरुआत आज यानी 19 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर तक मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता के मुताबिक गणेश चतुर्थी में भगवान गणपति बप्पा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. घर में स्थापित किया जाता है और उनके प्रिय वस्तुओं को अर्पित किया जाता है.

Ganesh Chaturthi 2023

कई बार कई लोग भूल जाते हैं कि गणेश उत्सव में गणेश जी को क्या अर्पित करें और क्या ना अर्पित करें. तो चलिए आज इस रिपोर्ट में जानते हैं कि गणेश उत्सव में गणपति बप्पा को क्या अर्पित करना चाहिए और क्या नहीं अर्पित करना चाहिए. अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि गणपति बप्पा की विधि विधान पूजा आराधना करने से साधक के हर प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. लेकिन गणेश चतुर्थी के दिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक भगवान गणेश को कुछ चीज अर्पित करने की मनाही होती है.

ना करें तुलसी अर्पित: सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व बताया गया है. भगवान विष्णु की पूजा आराधना करते वक्त तुलसी का प्रयोग अति आवश्यक माना जाता है. लेकिन गणपति बप्पा की पूजा आराधना करने में तुलसी दल को अर्पित करना वर्जित माना जाता है. इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं. जिसमें धार्मिक ग्रंथो की माने तो एक बार भगवान गणेश ने तुलसी के विवाह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. जिसके बाद तुलसी ने गणेश जी को दो विवाह होने का श्राप दे दिया था. शायद ही वजह है कि गणेश जी की पूजा आराधना में तुलसी अर्पित करना वर्जित बताया गया है.

अक्षत चढ़ाते समय ध्यान रखें यह बात: भगवान गणेश की पूजा करते समय कभी भी टूटे अथवा सुख अक्षत को नहीं अर्पित करना चाहिए, क्योंकि अक्षत का अर्थ ही होता है. जिसकी कोई छती ना हुई हो यानी जो पूरा हो. पूजा पाठ में प्रयोग होने वाले साबुत चावल को अक्षत माना जाता है.

ना अर्पित करें केतनी का फूल: गणेश चतुर्थी के दौरान गणपत बप्पा की पूजा आराधना करते वक्त बात का ध्यान देना चाहिए कि उन्हें कितनी के फूल को नहीं अर्पित करना चाहिए. मान्यता के मुताबिक भगवान शिव पर भी कितनी का फूल नहीं चढ़ाया जाता है. इसलिए भगवान गणेश की पूजा आराधना करते समय इन फूलों को चढ़ाने की मन ही होती है. इसके अलावा भगवान गणेश की पूजा में सफेद फूल, सफेद रंग के वस्त्र सफेद जनेऊ सफेद चंदन इत्यादि नहीं अर्पित करना चाहिए.

नोट: यहा दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है जागो पहाड़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।


Jago Pahad Desk

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