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HIV पीड़ितों को अब दवा के लिए नहीं जाना होगा हल्द्वानी और देहरादून, इन जगहों पर खुलेंगे एआरटी सेंटर

  • एचआईवी पीड़ितों को अब दवा के लिए नहीं जाना होगा हल्द्वानी और देहरादून
  • उत्तराखण्ड में अब एचआईवी पाजिटिव को निकट के अस्पतालों में ही मिलेंगी दवाएं
  • अल्मोडा, टनकपुर, श्रीनगर और कर्णप्रयाग में खुले एआरटी सेंटर

देहरादून। प्रदेश में दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को अब उनके घर के निकट ही दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर अल्मोड़ा, टनकपुर, श्रीनगर और कर्णप्रयाग में एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर खुलने जा रहे हैं। इसके बाद इन अस्पतालों में एआरटी सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। इन केंद्रों पर एचआईवी पाजीटिव मरीजों को दवाएं मिल सकेंगी और उन्होंने दवाएं लेने के लिए देहरादून और दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।

स्वास्थ्य सचिव ने हाल में उप जिला चिकित्सालय टनकपुर का निरीक्षण किया था। यहां उनके संज्ञान में आया कि इस इलाके के 50-60 एचआईवी पॉजीटिव मरीजों को दवाओं के लिए एआरटी केंद्र हल्द्वानी जाना पड़ता है। स्वास्थ्य सचिव ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और आदेश दिये कि एआरटी को स्थानीय अस्पताल से लिंक किया जाएं।

इसके तहत विभाग ने सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। टनकपुर में एआरटी सेंटर बनने के बाद अब यहां के मरीजों को हल्द्वानी नहीं जाना होगा और उन्हें यहीं दवाएं उपलब्ध हो जाएंगी। गौरतलब है कि एआरटी सेंटर में सभी एचआईवी पाजीटिव मरीजों को निशुल्क दवाएं मिलती हैं।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार

चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव डा. आर राजेश के गढ़वाल मण्डल के भ्रमण के दौरान आदेशित किया गया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर, जनपद पौड़ी गढ़वाल एवं उप जिला चिकित्सालय, कर्णप्रयाग, जनपद चमोली में एआरटी केन्द्र की स्थापना कर कार्यशील कर दिया जाए।

एआरटी केन्द्रों में एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को निशुल्क दवाईयां, नियमित जांच की सुविधा, परामर्श एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त होगी। वर्तमान में चमोली और पौड़ी जनपदों के लगभग 350 व्यक्तियों को दवा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक माह देहरादून में स्थापित ए0आर0टी0 केन्द्रों में जाना पड़ता था जो अब उनके निवास स्थान के निकटतम ही प्राप्त हो जाया करेगी। इससे इन व्यक्तियों को आर्थिक नुकसान नही होगा साथ उनकी सेहत में भी सुधार आयेगा।

इसके बाद इन दोनों चिकित्सालयों में एआरटी केन्द्र की स्थापना कर कार्यशील कर दिया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर में लगभग 200 व्यक्ति एवं उप जिला चिकित्सालय, कर्णप्रयाग (चमोली) में लगभग 150 व्यक्ति एआरटी आंरम्भ होने से लाभान्वित होंगे।

इसके अलावा जनपद अल्मोड़ा में स्थापित सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज में भी स्वास्थ्य सचिव के आदेशानुसार शीध्र ही एआरटी केन्द्र की स्थापना हो जाएगी एवं लगभग 300 व्यक्तियों को एआरटी की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। वर्तमान में जनपद अल्मोड़ा के लगभग 300 व्यक्तियों को दवा प्राप्त करने सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी में स्थापित एआरटी केन्द्र में जाना पड़ता था जोकि उनको उनके निवास स्थान पर ही प्राप्त हो जायेंगी।

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Jago Pahad Desk

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