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धामी सरकार का बड़ा फैसला, शहीदों के परिवार को मिलने वाली राशि 50 लाख, सरकारी नौकरी में मिलेगा लाभ

Kargil Vijay Diwas: हमारे सैनिकों ने कई लड़ाइयां लड़ी हैं और उनमें जीत हासिल की है। ऐसा ही एक यादगार युद्ध है कारगिल। इस भूमि को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद करने के लिए 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ है। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सीएम धामी ने वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने शहीदों के परिवारों के लिए घोषणा करते हुए कहा कि शहीदों के परिवारों को दी जाने वाली राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख की जाएगी। (Kargil Vijay Diwas)

राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि अमर शहीदों के परिजनों को मिलने वाली राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाएगा। तो वहीं शहीदों के परिजन सरकारी नौकरी के लिए दो वर्ष नहीं बल्कि पांच वर्ष तक आवेदन कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शहीदों के आश्रितों को अभी तक जिलाधिकारी कार्यालय में समूह “ग” और “घ” के पद रिक्त होने पर ही नियुक्ति मिलती थी लेकिन अब अन्य विभागों में भी उक्त समूह के पदों पर रिक्तियां दी जाएंगी। सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों के समतुल्य अवकाश दिया जाएगा। (Martyrs families get 50 lakh Rupees)

Martyrs families get 50 lakh Rupees

26 जुलाई 1999
कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों नेे अदम्य शौर्य और वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। कारगिल विजय दिवस केे मौके पर देशवासी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।कारगिल युद्ध को जम्मू-कश्मीर के कारगिल सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल के किनारे, 1999 के मई-जुलाई के दौरान लड़ा गया था। इस युद्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 3 हजार सैनिकों को मार गिराया था। यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था। कारगिल युद्ध 60 दिनों तक चला और अंततः 26 जुलाई 1999 को पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। भारत में युद्ध में विजय पताका फहराई और देश के स्वाभिमान के इस प्रतीक को ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया।

उत्तराखंड के 75 जवान हुए थे शहीद
देश के विभिन्न राज्यों के सैनिकों ने इस लड़ाई में भाग लिया था। कारगिल की लड़ाई में उत्तराखंड के 75 जवान शहीद हुए थे। इनमें से 37 जवानों को बहादुरी के लिए पुरस्कार भी मिला। इल लड़ाई में देहरादून 28, पौड़ी 13, टिहरी 8, नैनीताल 5, चमोली 5, अल्मोड़ा 4, पिथौरागढ़ 4, रुद्रप्रयाग 3, बागेश्वर 2, उधमसिंह नगर 2 और उत्तरकाशी के एक जवान शहीद हुए थे।

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