नैनीताल जिले के भद्रकोट गांव से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां सरकारी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भद्रकोट में कक्षा 10 में केवल एक छात्र नामांकित था, जिसे पढ़ाने के लिए पूरे 7 शिक्षक नियुक्त थे। इसके बावजूद छात्र सभी विषयों में फेल हो गया।
इस घटनाक्रम ने न केवल स्कूल प्रशासन बल्कि पूरे शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बताया जा रहा है कि छात्र को व्यक्तिगत रूप से पढ़ाने और मार्गदर्शन देने के लिए पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध था, फिर भी उसकी शैक्षणिक प्रगति शून्य रही।
मामले की गंभीरता को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक जीएस सोन ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। शिक्षा विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि शिक्षक अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे या नहीं, और छात्र की विफलता के पीछे कौन-कौन जिम्मेदार हैं।
ग्रामीणों और अभिभावकों में इस खबर को लेकर नाराज़गी देखी जा रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब इतने संसाधन एक ही छात्र के लिए लगाए गए थे, तो नतीजा इतना शर्मनाक कैसे आया?
अब देखना यह होगा कि जांच में क्या निकलकर आता है और क्या शिक्षा विभाग इस पर कोई ठोस कार्रवाई करता है या मामला सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाएगा।