Top 15 Kumauni Holi Lyrics
शिव के मन माहि बसे काशी (Kumauni Holi Lyrics)
शिव के मन माहि बसे काशी, शिव के मन माहि बसे काशी…
आधे काशी में वामन बनिया, आधे काशी में सन्यासी, शिव के मन माहि बसे काशी…..
काहे करन को वामन बनिया, काहे करन को सन्यासी, शिव के मन माहि बसे काशी…..
पूजा करन को वामन बनिया, सेवा करन को सन्यासी, शिव के मन माहि बसे काशी……
काहे को पूजे वामन बनिया, काहे को पूजे सन्यासी, शिव के मन माहि बसे काशी..
देवी को पूजे वामन बनिया, शिव को पूजे सन्यासी, शिव के मन माहि बसे काशी..
क्या इच्छा पूजे वामन बनिया, क्या इच्छा पूजे सन्यासी, शिव के मन माहि बसे काशी..
नव सिद्धि पूजे वामन बनिया, अष्ट सिद्धि पूजे सन्यासी, शिव के मन माहि बसे काशी…..
देवा के भवन विराजे होरी (Kumauni Holi Lyrics)
देवा के भवन विराजे होरी
सिद्धि के दाता गणपति आये, रिद्धि सिद्धि दोनों संगति में। अम्बा जी के भवन में बिराजे होरी।
ब्रह्मा विष्णु खेलन आये। माता सरस्वती साथै होरी। अम्बा जी के भवन में बिराजे होरी।
शम्भू महादेव खेलन आये। गौरा पारवती साथै होरी। अम्बा जी के भवन में बिराजे होरी।
राम लछीमन खेलन आये। जानकी सीता साथै होरी। अम्बा जी के भवन में बिराजे होरी।
कृष्ण मुरारी खेलन आये। राधा रुक्मणी साथै होरी। अम्बा जी के भवन में बिराजे होरी।
बलमा घर आये फागुन में (Kumauni Holi Lyrics)
बलमा घर आये फागुन में, सजना घर आये फागुन में। बलमा घर आये फागुन में,
जबसे पिया परदेश सिधारे, आम लगाये बागन में। सजना घर आये कौन दिना बलमा घर आये फागुन में,
चैत मास में वन फल पाके, आम पाके सावन में। बलमा घर आये फागुन में,
गऊ को गोबर अंगना लिपायो, मोतियन चौक पुरावन को। सजना घर आये कौन दिना
आये पिया मैं हरष भई हूँ, मंगल काज करावन में। बलमा घर आये फागुन में,
पिय बिन वसन रहे सब मैले, चोली चादर भिजावन में। सजना घर आये कौन दिना
भोजन पान बनावे मन में, लड्डू पेड़ा लावन में। बलमा घर आये फागुन में,
सुन्दर तेल फुलेल लगायो, स्यूनि श्रृंगार करावन में। सजना घर आये कौन दिना
वस्त्र आभूषण साज सजायो, लागि रही पहिरावन में। बलमा घर आये फागुन में,
झुकि आयो शहर में व्यौपारी (Kumauni Holi Lyrics)
झुकि आयो शहर में व्यौपारी, झुकि आयो शहर में व्यौपारी
इस व्यौपारी को प्यास बहुत है, पनिया पिला दे नथवारी। झुकि आयो शहर में व्यौपारी
इस व्यौपारी को भूख बहुत है, खाना खिला दे नथवारी। झुकि आयो शहर में व्यौपारी
इस व्यौपारी को नींद बहुत है, पलंगा बिछा दे नथवारी। झुकि आयो शहर में व्यौपारी
इस व्यौपारी को जाड़ा बहुत है, आग जला दे नथवारी। झुकि आयो शहर में व्यौपारी
इस व्यौपारी को इश्क लगो है, सेज सुला दे नथवाली। झुकि आयो शहर में व्यौपारी
मथुरा में खेलें एक घड़ी (Kumauni Holi Lyrics)
मथुरा में खेलें एक घड़ी – मथुरा में खेलें एक घड़ी।काहे के हाथ में डमरु बिराजे, काहे के हाथ में लाल छड़ी।
मथुरा में खेलें एक घड़ी।
राधा के हाथ में डमरु बिराजे, कान्हा के हाथ में लाल छड़ी।
मथुरा में खेलें एक घड़ी।
काहे के सिर में मुकुट बिराजे, काहे के सिर में पगड़ी।
मथुरा में खेलें एक घड़ी।
राधा के सिर में मुकुट बिराजे, कान्हा के सिर में पगड़ी।
मथुरा में खेलें एक घड़ी।
काहे के कानन कुण्डल सोहें, काहे के सिर पर मोतियन लड़ी।
मथुरा में खेलें एक घड़ी।
राधा के कानन कुण्डल सोहें, कान्हा के सिर पर मोतियन लड़ी।
मथुरा में खेलें एक घड़ी।
काहे के हाथ में मजीरा सोहै, काहे के हाथ में ताल खड़ी
मथुरा में खेलें एक घड़ी।
राधा के हाथ में मजीरा सोहै, कान्हा के हाथ में ताल खड़ी।
मथुरा में खेलें एक घड़ी।
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया (Kumauni Holi Lyrics)
नदी जमुना के तीर कदम चढि, कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
काहे की बनी तेरी बाँसुरिया, काहे को तेरो वीन नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
हरे बांस की बनी है बाँसुरिया, हस्ति दांत की वीन, नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
कै सुर बाजे तेरी बाँसुरिया, कै सुर को तेरो वीन, नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
नौ सुर ये बनी रे बाँसुरिया, द्वि सुर को यो वीन, नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
कै मोल की तेरी यो बाँसुरिया, कै मोल को वीन नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
लाख टका की मेरी बाँसुरिया, अनमोल है यो वीन नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
कौन शहर की बनी है बाँसुरिया, कौन शहर की बीन। नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया,
दिल्ली शहर से बनी बाँसुरिया, आगरा शहर की बीन। नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
कौन बजावे बाँसुरी कन्हैया, कौन बजावे वीन नदी जमुना के तीर कदम चढि,
कान्हा बजा गयो बाँसुरिया कृष्ण बजावे बाँसुरी कन्हैया,
राधा बजावे वीन नदी जमुना के तीर कदम चढि, कान्हा बजा गयो बाँसुरिया
जल कैसे भरूं जमुना गहरी (Kumauni Holi Lyrics)
जल कैसे भरूँ जमुना गहरी। जल कैसे भरूँ जमुना गहरी ॥
ठाड़ी भरूँ राजा राम जी देखे, हे ठाड़ी भरूँ राजा राम जी देखे।
बैठी भरूँ भीजे चुनरी…. जल कैसे भरूँ जमुना गहरी, जल कैसे भरूँ जमुना गहरी ॥
धीरे चलूँ घर सास बुरी है, हे धीरे चलूँ घर सास बुरी है। धमकि चलूँ छलके गगरी…..
जल कैसे भरूँ जमुना गहरी। जल कैसे भरूँ जमुना गहरी ॥
गोदी पर बालक, सिर पर गागर, हे गोदी पर बालक, सिर पर गागर। पर्वत से उतरी गोरी…
जल कैसे भरूँ जमुना गहरी जल कैसे भरूँ जमुना गहरी ॥
व्रज मंडल देश दिखाओ रसिया (Kumauni Holi Lyrics)
व्रज मंडल देश दिखाओ रसिया हो व्रज मंडल
तेरे बिरज में गाय बहुत हैं….
पी-पी दूध बनै बछिया, हो व्रज मंडल व्रज मंडल देश दिखाओ रसिया, हो व्रज मंडल ..
तेरे बिरज में धान बहुत हैं…
फटके नारि कुटे रसिया, हो व्रज मंडल व्रज मंडल देश दिखाओ रसिया, हो व्रज मंडल . ..
तेरे बिरज में गीत बहुत हैं, गाये नारि सुनै रसिया, हो व्रज मंडल व्रज मंडल देश दिखाओ रसिया हो व्रज मंडल . ..
तेरे बिरज में मोर बहुत हैं. कूकत मोर फटे छतिया, हो व्रज मंडल व्रज मंडल देश दिखाओ रसिया, हो व्रज मंडल
(Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
दधि लूटे नन्द को लाल
दधि लूटे नन्द को लाल, बेचन ना जहियो-2
कहाँ के तुम ग्वाल गुजरिया (एक बोल)
कहाँ दधि बेचन जाय, बेचन ना जहियो-2
दधि लूटे नन्द को लाल, बेचन ना जहियो-2
मथुरा के हम ग्वाल गुजरिया (एक बोल),
गोकुल बेचन जाय, बेचन ना जहियो-2
दधि लूटे नन्द को लाल, बेचन ना जहियो-2
कौन राजा के ग्वाल गुजरिया (एक बोल)
कौन लला दधि खाय, बेचन ना जहियो-2
दधि लूटे नन्द को लाल, बेचन ना जहियो-2
कंस राजा के ग्वाल गुजरिया (एक बोल)
कृष्ण लला दधि खाय, बेचन ना जहियो-2
दधि लूटे नन्द को लाल, बेचन ना जहियो-2
दूध पियो है नन्द को लाला (एक बोल)
माखन लेह चुराय, बेचन ना जहियो-2
दधि लूटे नन्द को लाल, बेचन ना जहियो-2
दहि दीनी खाई, मटक दीनी फोड़ी (एक बोल) नाहक रार मचाय,बेचन ना जहियो
दधि लूटे नन्द को लाल, बेचन ना जहियो-2
मत जाओ पिया होली आय रही (Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
मत जाओ पिया होली आय रही (एक बोल)
होली आय रही, होली आय रही.. मत जाओ पिया……
जिनके पिया नित घर ही बसत हैं,
उनकी नारी रंग भरी .. मत जाओ पिया………..
जिनके पिया परदेश बसत हैं.
उनकी नारी सोच भरी.. मत जाओ पिया………..
चातक मोर पपीहा बोले,
कोयल बोल सुनाय रही .. मत जाओ पिया………..
उड़त गुलाल लाल भए बादल,
ऐसी नई रुत आय रही … मत जाओ पिया………..
पय्यां पड़त हूँ अरज करत हूँ,
बाँह पकड़ समझाय रही .. मत जाओ पिया………..
होली आय रही, होली आय रही.. मत जाओ पिया……
सजना घर आये कौन दिना (Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
सजना घर आये कौन दिना, सजना घर आये कौन दिना
बलमा घर आये कौन दिना, बलमा घर आये कौन दिना
मेरे बालम के तीन नाम हैं, ब्रह्मा बिष्णु, हरि चरना।
सजना घर आये कौन दिना
मेरे बालम के तीन शहर हैं, दिल्ली, आगरा और पटना।
बलमा घर आये कौन दिना
अपने बालम के चरण दबाऊँ, तेल मलूँ तन में बेसना।
सजना घर आये कौन दिना
अपने बालम को भोजन खिलाऊँ, षटरस स्वादिष्ट व्यंजना ।
बलमा घर आये कौन दिना
अपने बालम की सेज बिछाऊँ, सौड़ा सुफेंद और पलगा।
सजना घर आये कौन दिना
अपने बालम के बाग बगीचे, नीबू, नारंगी और दाड़िमा।
बलमा घर आये कौन दिना
होली खेलत हैं कैलाशपती (Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
होली खेलत हैं कैलाशपती होली खेलत हैं ..
शिव की जटा में गंगा बिराजे, गंगा लाए भगीरथी, होली खेलत हैं, होली खेलत हैं
बूढे नदिया, शिव जी बिराजे, संग में लाये पारवती, होली खेलत हैं, होली खेलत हैं
हाथ त्रिशूल गले रूद्रमाला, खाक रमाये लाख पती, होली खेलत हैं, होली खेलत हैं
भारी दान दियो शिव शंकर, भस्मासुर चाहे पारवती, होली खेलत हैं, होली खेलत हैं
तीनों लोक फिरे शिव शंकर, कहिं न मिले त्रिलोक पती, होली खेलत हैं, होली खेलत हैं
ध्यान करो जब शिव शंकर को, नाचन लागे कैलाशपती, होली खेलत हैं, होली खेलत हैं
रंग चंगीलो देवर घर आरोछ (Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
रंग चंगीलो देवर घर आरोछ .(एक बोल)
रंग चंगीलो देवर घर आरोछ .(दो बोल)
सासु खिन लड्डू, ननद खिन पेड़ा .
मैं खिन बरफी लारोछ.. रंग चंगीलो देवर घर आरोछ ..
सासु खिन नथिया, ननद खिन कुण्डल.
मैं खिन माला लारोछ.. रंग चंगीलो देवर घर आरोछ ..
सासु खिन बिन्दी, ननद खिन पोडर.
मैं खिन लाली लारोछ.. रंग चंगीलो देवर घर आरोछ ..
सासु खिन लहंगा, ननद खिन चुनरी .
मैं खिन अंगिया लारोछ.. रंग चंगीलो देवर घर आरोछ ..
छम-छम छम-छम घुन्गरू लारोछ .
नानो-नानो देवर आरोछ.. रंग चंगीलो देवर घर आरोछ ..
खिन सासु खिन धोती, ननद खिन झम्फर .
मैं खिन साड़ी लारोछ.. रंग चंगीलो देवर घर आरोछ ..
बलमा घर आये फागुन में (Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
बलमा घर आये फागुन में .. (एक बोल)
जबसे पिया परदेश सिधारे.
आम लगाये बागन में .. बलमा घर आये फागुन में ..
चैत मास में वन फल पाके.
आम जो पाके सावन में .. बलमा घर आये फागुन में ..
गऊ गोवर को अंगना लिपायो .
मोतियन चौक पुरावन में .. बलमा घर आये फागुन में ..
आये पिया मैं हर्श भई हूँ.
मंगल साज सजावन में .. बलमा घर आये फागुन में ..
भोजन पान बनाये मन से.
लड्डू पेड़ा लावन में .. बलमा घर आये फागुन में ..
पिया से अरज करूँ दिन राती.
बययां पकड़ समझावन में .. बलमा घर आये फागुन में ..
अबके पिया मोसे होली खेलो.
रंग-रंगीले फागुन में .. बलमा घर आये फागुन में ..
अबके पिया तुम खेल लो होली .
क्यों परदेश सिधावन में.. बलमा घर आये फागुन में ..
सीता वन में अकेली कैसे रही (Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
हाँ हाँ जी हाँ, सीता वन में अकेली कैसे रही है कैसे रही दिन रात, सीता वन में…
राम जी रोके, कौशल्या रोके, नहीं छोड़ा पति का साथ.. सीता वन में अकेली कैसे रही….
पतीव्रता को धरम बिचारे छोड़ा राजसि भोग.. सीता वन में अकेली कैसे रही….
हाँ हाँ जी हाँ, सीता रंग महल को छोड़ चली है वन में कुटिया बनाई, सीता वन में…
हाँ हाँ जी हाँ, सीता षटरस भोजन छोड चली है पलंग अटारन छोड़ के सीता, कुश ही में सेज लगाय..
सीता वन में अकेली कैसे रही….
सोलह श्रृंगार बत्तीस आभूशण सट रस भोजन त्याग..
सीता वन में अकेली कैसे रही…. वन में कन्दमूल फल खाई, सीता वन में….
हाँ हाँ जी हाँ, सीता तेल फुलेल को छोडि चली है वन में धूल रमाई, सीता वन में…
भालू कपिन को देख के डरती, अब रहती उनके साथ.. सीता वन में अकेली कैसे रही….
हाँ हाँ जी हाँ, सीता कंदकारो छोड़ चली है कंटक चरण चलाई,
सीता वन में कैसे रही दिन रात, सीता वन में।
आई विपति हरण हुई सीता. राम चले आखेट
सीता वन में अकेली कैसे रही….
मर्म बचन लक्ष्मण से बोली रावण हर ले जाय.. सीता वन में अकेली कैसे रही….
रथ लौटि चलो भगवान भरत (Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
रथ लौटि चलो भगवान, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
दसरथ राजा बांस काटन गये.
अंगूठा लागी फांस, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
रथ लौटि चलो भगवान, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
दसरथ राजा की तीनों रनियां .
तीनों पहरा देय, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
रथ लौटि चलो भगवान, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
पहलो पहरा रानी कौशल्या,
राजा चैन न होय, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
रथ लौटि चलो भगवान, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
दूसरो पहरा रानी सुमित्रा,
राजा नींद न होय, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
रथ लौटि चलो भगवान, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
तिसरो पहरा रानी कैकई को,
राजा घुरि-घुरि सोई, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
रथ लौटि चलो भगवान, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
मांग ले रानी जो वर मांगे,
जो मन इच्छा होय, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
रथ लौटि चलो भगवान, भरत तुम परजा को दुख मत दीजो
रंग बरसे भीगे चुनर वाली (Top 15 Kumauni Holi Lyrics)
रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे ..
सोने की थाली में भोजन परोसा ..
खाये गोरी का यार, बलम तरसे रंग बरसे ..
रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे ..
लोंगा ईलाइची का बीड़ा लगाया ..
खाये गोरी का यार, बलम तरसे रंग बरसे ..
रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे ..
बेला चमेली का सेज लगाया ..
सोये गोरी का यार, बलम तरसे रंग बरसे ..
रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे ..