लद्दाख की श्योक नदी का जलस्तर बढ़ने से हुए हादसे में उत्तराखंड निवासी जवान भूपेंद्र सिंह नेगी भी शहीद हुए हैं। भूपेंद्र मूलरूप से पौड़ी जिले में पाबौ ब्लॉक के विशल्ड गांव के रहने वाले थे। सेना की ओर से भी शहीद भूपेंद्र का पार्थिव शरीर गांव लाया जा रहा है। लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास श्योक नदी का जल स्तर बढ़ने से सेना के पांच जवान बह गए थे। जानकारी के मुताबिक, सैन्य अभ्यास के बाद देर रात टी-72 टैंक वापस लौट रहा था। जो सासेर ब्रांगसा में श्योक नदी पार करते वक्त अचानक जल स्तर बढ़ने से डूब गया और पांचों जवान समेत टैंक डूब गया।
इस टैंक में भूपेंद्र नेगी भी सवार थे। उनके शहीद होने की सूचना के बाद देहरादून में रह रही पत्नी आशी, पिता कुंवर सिंह नेगी और बच्चे गांव के लिए रवाना हो गए हैं। भूपेंद्र सिंह का परिवार हाल में ही दिल्ली से देहरादून शिफ्ट हुआ था। वह यहां किराये पर रहकर अपना मकान बना रहे थे।
लदाख में शहीद हुए भूपेंद्र सिंह नेगी अपने पीछे 3 बच्चो ,पत्नी, पिता को छोड़ गए है। उनकी तीन बहने है जिनका विवाह हो चुका है। मूल रूप से पाबौ ब्लॉक के बिशल्ड़ गांव के रहने वाले भूपेंद्र के गांव के ही रहने वाले ग्रामीण ने बताया कि उनका परिवार आज अपने गांव आ रहा है। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट मुसागली में किया जाएगा।