Onion rate: टमाटर के बाद अब लोगों को प्याज़ की कीमतें रुलाने वाली हैं. प्याज़ की बढ़ती कीमतों के संकेतों के बीच सरकार ने इसके निर्यात पर 40 फ़ीसदी शुल्क लगा दिया है. सरकार ने ये कदम प्याज़ की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ये पहली बार है जब प्याज एक्सपोर्ट पर शुल्क लगाया गया है. गौर करने वाली बात ये है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक प्याज़ का उत्पादन करता है. लेकिन फ़िर भी देश में कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
प्याज़ के उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में टॉप पर है. साल 2021 में भारत ने 26.6 लाख मिट्रिक टन प्याज़ का उत्पादन किया था. 24.2 लाख मिट्रिक टन के साथ चीन दूसरे नंबर पर रहा था. भारत में सबसे अधिक प्याज़ का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है.
अधिकारियों ने कहा कि इस साल जनवरी-मार्च अवधि में निर्यात असाधारण रूप से उच्च स्तर (लगभग 8.2 लाख टन) पर रहा. जबकि पिछली समान अवधि में यह 3.8 लाख टन था. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में मॉनसून के देरी से आने के कारण सुस्त खरीफ़ बुआई की खबरों के बीच प्याज़ की खुदरा कीमत एक महीने पहले के 25 रुपये की तुलना में बढ़कर 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. इसके अलावा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अप्रैल में बेमौसम बारिश के कारण भंडारित रबी फ़सलों में उच्च नमी की मात्रा ने उपज के शेल्फ जीवन को प्रभावित किया है.