फिर अटका नैनीताल हाईकोर्ट की शिफ्टिंग का मामला,केंद्र ने खारिज किया प्रस्ताव

नैनीताल हाईकोर्ट की शिफ्टिंग का मामला एक बार फिर से अटक गया है। खबर है कि वन भूमि हस्तातंरण का प्रस्ताव केंद्र के अधीन हाई इम्पावर्ड कमेटी ने खारिज तो करा ही ,साथ ही इसके लिए कुछ सुझाव भी दे डाले। खबर है कि वन भूमि हस्तातंरण के मामले को मंत्रालय ने अस्वीकृत कर दिया ।बताया जा रहा है कि वन भूमि हस्तातंरण का मामला भारत सरकार के नियंत्रणाधीन क्षेत्रीय सशक्त समिति (Regional Empowered Committee) के सामने रखा गया था। 24 जनवरी को आरईसी की 82वीं बैठक में इस प्रस्ताव को Non-site specific activity category में होने के कारण अस्वीकृत कर दिया गया।

इस बैठक में आरईसी के सदस्यों ने राजस्व भूमि में विकल्पों का पता लगाने के लिए सभी प्रयास करने और कम से कम संभव क्षेत्र लेने वाली बहु-मंजिला इमारत के साथ उपलब्ध तकनीकों का उपयोग करने और कंक्रीट फुटफॉल और ग्रीन फुटफॉल का उल्लेख करते हुए एक स्पष्ट लेआउट योजना तैयार करने का भी सुझाव दिया।

गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी के आसपास शिफ्टिंग को ले कर कवायद चल रही है और राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के लिए गौलापार में भूमि का चयन कर लिया था। इसके वन भूमि हस्तांतरण को लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में फाइल भेजी गई थी,अब यह बात पता चली है कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है।
गौलापार की जमीन का वन भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव अस्वीकृत होने के बाद सरकार के स्तर से कवायद शुरू हो गई है। सचिव पंकज कुमार पाण्डेय ने नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना को इस बाबत पत्र भेजकर उपलब्ध राजस्व भूमि के बारे में बताने को कहा है।

पत्र में कहा गया है कि ” उपर्युक्त विषय का कृपया संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। आप अवगत ही हैं कि मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल को गौलापार, हल्द्वानी स्थानातंरित करने का प्रकरण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में निहित है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नगत भू-भाग वनभूमि में निहित होने के कारण नियमानुसार वनभूमि-हस्तांतरण का प्रस्ताव तैयार कर विभिन्न चरणों से अनुमोदित होकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के नियंत्रणाधीन क्षेत्रीय सशक्त समिति (Regional Empowered Committee) के समक्ष प्रस्तुत हुआ।”

पत्र में आगे कहा गया है कि ”आर०ई०सी० की 82वीं बैठक दिनांक 24.01.2024 को सम्पन्न बैठक में उक्त प्रस्ताव को Non-site specific activity category में होने के कारण अस्वीकृत कर दिया गया है। उक्त बैठक में कमेटी द्वारा निम्न निर्णय भी दिया गया है:-
“However, the members also suggested the user agency to put all efforts to explore the alternatives in revenue land and use the available technologies with multi- storey building taking the least possible area and design a clear layout plan mentioning the concrete footfall and green footfall.” अतः इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि कृपया उक्त तात्कालिक एवं संवेदनशील प्रकरण पर तत्काल राजस्व भूमि की उपलब्धता के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट करते हुये शासन को अवगत कराने का कष्ट करें।

Jago Pahad Desk

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