जौनसार बावर का कालसी तहसील के अंतर्गत आने वाला ऐतिहासिक गांव भारी बारिश होने के फलस्वरूप भूस्खलन कि चपेट में आने के कारण गांव के नीचे से बजरी खान नामक स्थान तक एक लंबी दरार स्पष्ट दिखाई दे रही है जिस गांव वाले बहुत भयभीत है लखवाड़ बांध का निर्माण भी इसी गांव के नाम पर हो रहा है, जौनसार बाबर के कुल देवता श्री महासू महाराज का मंदिर भी इसी गांव में स्थित है।
इस संदर्भ में मंडी समिति चकराता के अध्यक्ष जगमोहन चौहान ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि:-
कई दिनों से हो रही वर्षा के कारण और कल रात हुई भारी बारिश के फल स्वरूप ग्राम लखवाड में आबादी क्षेत्र में बहुत हल्की गति से अभी भूताय हो रहा है। इसकी जांच हेतु जूलॉजिकल सर्वे विभाग से किसी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण दल से करवानी अति आवश्यक है जिससे वस्तुस्थिति का समय रहते आकलन किया जा सके इस ऐतिहासिक गांव का अस्तित्व बचाना बहुत आवश्यक है, मेरे विचार से अगर समय रहते गांव की सुरक्षा के लिए कोई कार्ययोजना बनाई जाए तो इस भू प्रसाद को रोका जा सकता है। नहीं तो गांव वालों को यह आशंका है कि कहीं हम लोग भी जाखन गांव की तरह भयंकर आपदा की चपेट में ना आ जाए। महोदया जी लखवाड़ गांव के नीचे पानी का एक बहुत बड़ा भंडार है यह इससे सिद्ध होता है कि
गांव में एक हैंडपंप लगाया गया था जिसमें बिना हैंडपंप को चलाएं हुए साल भर पानी अपने आप चलता रहता है, तथा इस गांव के दाहिने और बाएं तरफ बिनगाड एवं घाटी गाठ नाम के दो नाले तथा गांव के नीचे की तरफ यमुना नदी बहती है तथा गांव की ऊपर की तरफ लगभग 200 मीटर लंबाई में कच्ची मिट्टी केटीले खड़े है जिन पर गांव धनपोक, मिसतौक-जखनोग और सायडा बसे हुए है इन गावों के आसपास ग्राम वासियों की खेती की जमीन और कुछ चारे पत्ते के पेड़ और झाड़िया उगी हुई है जो कभी भी भारी बारिश के समय नीचे लखवार गांव की तरफ को खिसक सकते हैं और जिस से भयंकर प्रलय घटित होने की संभावना है। जब रात को तेज बारिश हो रही है तो गांव वाले पूरी रात जागकर के काट रहे हैं मेरा आपसे निवेदन है की उपरोक्त स्थिति को देखते हुए भू वैज्ञानिक दल को लखवाड़ ग्राम भेज करके विस्तृत रिपोर्ट मंगवाने की कृपा करेंगे और उसके अनुसार फिर भू संरक्षण के लिए एक कार्य योजना बनाकर के गांव को सुरक्षा प्रदान करने की कृपा करेंगी तो समस्त क्षेत्र आपका आभारी होगा।
जागो पहाड