कालसी: ग्राम बोसान में भारी भूस्खलन, जान हथेली में रखकर कर रहे जीवन यापन

जागो पहाड़ न्यूज़/ जगमोहन चौहान

विकासखंड कालसी के अंतर्गत ग्राम बोसान पिछले 5 दिन से भारी भूस्खलन होने के कारण, ग्राम वासियों के आने-जाने के लिए बंद पड़ा है जिससे स्थानीय ग्राम वासियों के साथ-साथ इस मार्ग से ब्यासी, जूडो, उटैल,काहा, आदि पंचगांव खत को जाने वाले ग्रामीणों को बहुत लंबी दूरी तय करके जाना पड़ रहा है जिससे काफी आबादी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।इस मार्ग के बीचो-बीच एक स्थान पर लगातार पत्थर और मिट्टी नीचे यमुना नदी की तरफ गिर रही है अब तक कई लोग इस मार्ग पर आने जाने के कारण चोटिल भी हो चुके हैं, पिछले दो दिनों में दो स्कूटर सवार ग्रामीण संतराम और टीकाराम चोटिल हो चुके हैं, इसमें एक व्यक्ति टीकाराम की स्कूटी तो भारी पत्थर लगने के कारण यमुना नदी में गिर गई है जिससे उसे व्यक्ति को बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है। इसलिए 5 दिन से गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों को भी कालसी और विकास नगर से नहीं ला पा रहे हैं, गांव के बीमार व्यक्ति भी अपनी दवाई लेने के लिए अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं उनको बहुत असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

गांव के निवासी जगत सिंह की पुत्री कु. निधी की तबीयत अचानक बिगड़ जाने के कारण ग्रामवासी नदी के किनारे किनारे से अपनी जान हथेली में लेकर के उसको कालसी अस्पताल इलाज के लिए ले गए। गांव वालों के सामने इस मार्ग के बंद होने से बहुत ही विकट समस्या आन पड़ी है। इस गांव से आगे ब्यासी की तरफ जाने वाला पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त है जिसमें जाना संभव नहीं है, आज यह ग्राम काला पानी की तरह हो गया है।इस मार्ग का रखरखाव पीएमजीएसवाई, कलसी खंड के अधीन है।

गांव वासियों ने इस सड़क की दुर्दशा की शिकायत और उसको निराकरण करने के लिए कई बार इस मार्ग के अधिकारियों को अवगत करवाया है, लेकिन उनकी तरफ से कोई ठोस कार्यवाही इस मार्ग को सुचारू रूप से चलने के लिए नहीं की गई, वर्षा काल में तो यह मार्ग लगभग बंद ही रहा, जिससे आम जनता के साथ-साथ ग्राम वासियों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

इस संबंध में ग्राम वासी जगमोहन सिंह चौहान, सदस्य राज्य बंधुआ श्रमिक सतर्कता समिति उत्तराखंड सरकार, मैं समय-समय पर अधिकारियों को इस समस्या के प्रति अवगत करवाया है लेकिन उनकी तरफ से कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई गई है।

श्री चौहान का कहना है कि इस मार्ग के नीचे और ऊपर चकराता रिजर्व फॉरेस्ट का क्षेत्र पड़ता है, नीचे की तरफ खेर के वृक्ष है और इस मार के ठीक ऊपर बहुत घना साल का जंगल है, इसमें चकराता वन प्रभाग द्वारा अगर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में लाखों करोड़ों रुपए की वन संपदा बर्बाद हो जाएगी, अगर बोसान खान में सघन वृक्षारोपण विभिन्न प्रजातियों के घास का तथा वर्षों का रोपण वैज्ञानिक ढंग से किया जाए तो जो पहाड़ दिन पर दिन खिसक रहा है इस पर रोक लगा सकती है।

इस पर इस पूरे क्षेत्र में भूमि संरक्षण के कार्य करवाए जाने अति आवश्यक है।इसी ग्राम के निवासी ग्राम प्रधान चंद्र विजय सिंह, चमन सिंह चौहान प्लाटून कमांडर होमगार्ड, आनंद सिंह चौहान, अनु तथा खनन व्यवसाई गंभीर सिंह चौहान, तथा कालसी तिलवाड़ी के प्रधान श्री अरुण सिंह चौहान आदि गांव के सैकड़ो लोग इस समस्या से ग्रसित है सब ने मांग की है कि इस मार्ग को वैज्ञानिक ढंग से अगर भूमि संरक्षण का कार्य करवाया जाए तो काफी हद तक समस्या से निजात मिल सकती है।

Jago Pahad Desk

"जागो पहाड" उत्तराखंड वासियों को समाचार के माध्यम से जागरूक करने के लिए चलाई गई एक पहल है।

http://www.jagopahad.com

You cannot copy content of this page