राज्य संपत्ति विभाग के फर्जी अधिकारी को कोतवाली नगर पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पीछे बारात घर के पास से गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से अलग-अलग विभागों के फर्जी पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं. दरअसल आरोपी द्वारा एक व्यक्ति के साथ उसकी बेटी को जिलाधिकारी कार्यालय में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर धोखाधड़ी की गई थी और नौकरी लगाने की एवज में 20000 रुपए वसूले गए थे. बता दें कि जगदीश सिंह नाम के व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि पडोस में रहने वाले एक व्यक्ति के माध्यम से उनकी पहचान अवनीत भट्ट नाम के एक व्यक्ति से हुई थी. अवनीत भट्ट द्वारा अपना पहचान पत्र दिखाते हुए खुद को उत्तराखंड सचिवालय में राज्य संपत्ति विभाग में वर्ग-2 का अधिकारी बताया गया था. पीड़ित की बेटी शिवानी मुयाल जिसने बीबीए किया था,उसकी नौकरी के संबंध में पीड़ित द्वारा अवनीत भट्ट से बात की गई. जिससे आरोपी ने जिलाधिकारी कार्यालय देहरादून में डाटा ऑपरेटर के पद पर उसकी नौकरी लगवाने की बात कही और आवश्यक दस्तावेज तैयार करने के लिए उससे 20000 रुपए की मांग की. जिससे पीड़ित ने आरोपी को रुपये और बेटी के सभी आवश्यक प्रमाण पत्र दे दिए.
एक हफ्ते बाद अवनीत भट्ट द्वारा पीड़ित की बेटी को एक नियुक्ति पत्र दिया गया, जो जिलाधिकारी कार्यालय से जारी किया गया था. नियुक्ति पत्र को लेकर जब पीड़ित और उनकी बेटी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय के माध्यम से उन्हें पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है. जिससे पीड़ित ने कोतवाली नगर में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. अनमोल गुप्ता नाम के व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका प्रिंस चैक पर त्रिरूपति ट्रेवल्स नाम से व्यवसाय है. 18 जनवरी 2024 को उनकी दुकान पर एक लड़का आया, जिसने अपना नाम संजय कुमार ( अवनीत भट्ट) निवासी जेल कचहरी पौड़ी गढ़वाल बताया. वह स्कूटी किराये पर ले गया था. उक्त व्यक्ति द्वारा शुरू के दस दिनों तक स्कूटी का किराया दिया गया, लेकिन अब ना तो वह फोन उठा रहा है और ना स्कूटी वापस कर रहा है. जिससे पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई है. पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा स्कूटी को किराये की होना बताया गया.
नगर कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद्र ने बताया है कि आरोपी संजय कुमार ( अवनीत भट्ट) द्वारा बताया गया कि वह बीए पास है और ग्राम गिदरासू पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला है.करीब डेढ़ साल पहले वह टैक्सी कैब में काम करने के लिये देहरादून आया था, लेकिन उसमें ज्यादा फायदा न होने के कारण वह कचहरी में नैना फोटो स्टेट के नाम से एक दुकान में नोटरी का काम करने लगा. उन्होंने कहा कि आरोपी द्वारा राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के अलग-अलग विभागों में अलग-अलग पद की अवनीत भट्ट के नाम से फर्जी पहचान पत्र और अवनीत भट्ट सहित संजय कुमार के नाम से अलग-अलग आधार कार्ड बनाए गए. जिससे उसने समाज कल्याण विभाग में पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन,आर्थिक योजना और श्रम विभाग में लोन का पैसा सेटलमेंट का झांसा देकर कई लोगों से पैसों की ठगी की है. आरोपी ने बताया कि कचहरी परिसर में काम करने के दौरान उसकी मुलाकात प्रिया नाम की एक युवती से हुई. जिसका आरोपी द्वारा समाज कल्याण विभाग में आर्थिक योजना का आवेदन पत्र भरा था, जिसका उसको लाभ मिला. आरोपी पर विश्वास होने पर प्रिया के माध्यम से उसकी मुलाकात जगदीश मुयाल से हुई. जिनसे आरोपी द्वारा उनकी बेटी की नौकरी लगाने की एवज में 20 हजार रुपए अपने परिचत के खाते में डलवाए और उनकी बेटी के शैक्षणिक और अन्य दस्तावेज प्राप्त करते हुए कुछ समय बाद उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय में नियुक्ति का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया.
आरोपी ने अपने मोबाइल पर Picsart और Pixelleb नाम से 2 एप डाउनलोड किये थे, जिनकी सहायता से वह नाम परिवर्तन कर पहचान पत्र और सरकारी आदेशों पर एडिटिंग कर हस्ताक्षर और मुहर स्कैन करके फर्जी दस्तावेज तैयार करता था. आरोपी ने एप के माध्यम से ही शिवानी मुयाल का फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर तैयार कर उस पर जिलाधिकारी देहरादून के हस्ताक्षर स्कैन कर फर्जी नियुक्ति पत्र बनाया था. आरोपी के कब्जे से अवनीत भट्ट के नाम से सीनियर क्लर्क कार्यालय कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट की फर्जी आईडी, फर्जी आधार कार्ड, मिनिस्ट्री ऑफ सेंटर गर्वमेंट पीडब्लूडी विभाग का फर्जी आईकार्ड, देहरादून राज्य संपत्ति विभाग का फर्जी आईकार्ड और संजय कुमार के नाम से आरोपी का असली आधार कार्ड बरामद हुआ है.