- मांगों को लेकर बेरोजगारों ने किया सीएम आवास कूच, पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की
बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच किया और पुलिस से धक्का-मुक्की की। बेरोजगार बैरिकेडिंग कूदकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। आखिर में, बेरोजगार सचिवालय चौक पर बैठ गए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन करने लगे।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ और उत्तराखंड डिप्लोमा व आईटीआई बेरोजगारों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया। परेड ग्राउंड से कनक चौक होते हुए वे आगे बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। बेरोजगार बैरिकेडिंग हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे, लेकिन सफल नहीं हो पाए। इस बीच पुलिस और बेरोजगारों के बीच धक्का-मुक्की हुई।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री आवास कूच की सूचना पहले ही सिटी मजिस्ट्रेट और ट्रैफिक पुलिस को दे दी थी, फिर भी उन्हें परेड ग्राउंड से 200 मीटर के भीतर ही रोक लिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस या अन्य दलों को मुख्यमंत्री आवास कूच की अनुमति मिल जाती है, लेकिन उत्तराखंड के बेरोजगारों को मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया जा रहा है। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बेरोजगारों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री के पीआरओ से मिलवाया गया। पीआरओ ने एक सप्ताह में मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है और संघ के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मिलवाने की बात कही है।
बेरोजगारों की मांगें:
- सात साल से रुकी टीजी2- यूपीसीएल-पिटकुल (जेई-एई) की विज्ञप्ति जारी की जाए।
- उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्र सीमा बढ़ाकर विज्ञप्ति जारी करें।
- संयुक्त परीक्षाओं में वेटिंग के प्रावधान का शासनादेश जारी करें।
- कृषि, उद्यान और पशुपालन विभाग का फाइनल रिजल्ट जारी हो।
- फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में उम्र सीमा बढ़ाकर विज्ञप्ति जारी करें।
- पॉलिटेक्निक लेक्चरर भर्ती में अनिवार्य योग्यता 55 प्रतिशत हो।
- विभिन्न विभागों में रिक्त जेई और एई भर्ती का हर साल कैलेंडर जारी हो।
- यूकेपीएससी और यूकेएसएसएससी अपना परीक्षा कैलेंडर जारी करें।
- राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा नियमावली में परिवर्तन कर अधिकारिक घोषणा के साथ विज्ञप्ति जारी करें।
- उत्तराखंड में पूर्व में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच की जाए।