बिग ब्रेकिंग: राज्य में अगले दो दिन रहेगा सार्वजनिक अवकाश…

उत्तराखंड राज्य में आगामी दो दिनों के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस अवधि के दौरान सभी सरकारी विभागों, स्कूलों और बैंकों में अवकाश रहेगा। राज्य में 16 जुलाई को हरेला पर्व और 17 जुलाई को मोहर्रम के अवसर पर यह अवकाश घोषित किए गए हैं।

हरेला पर्व उत्तराखंड के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण साधन बन चुका है। इस पर्व का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसे मुख्यतः पौधारोपण के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों, बगीचों और सार्वजनिक स्थलों पर पौधे लगाते हैं, जो पर्यावरण को हरा-भरा बनाए रखने में सहायक होता है।

हरेला पर्व के अवसर पर छुट्टी घोषित करने के पीछे सरकार की मंशा भी यही रही है कि लोग इस दिन को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मना सकें और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने कदम बढ़ा सकें। इस पर्व को मनाने के दौरान न केवल समाज में पौधारोपण की प्रवृत्ति बढ़ी है, बल्कि लोग पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक भी हुए हैं। इस दिन विभिन्न सामाजिक संस्थाएं, राजनीतिक पार्टियां और अन्य संगठनों द्वारा व्यापक पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाए जाते हैं। इस प्रकार हरेला पर्व ने राज्य के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।

17 जुलाई को मोहर्रम के चलते भी राज्य में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इस महीने की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशुरा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हज़रत इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत को याद किया जाता है। मोहर्रम के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोग इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हुए मातम मनाते हैं और ताजिये निकालते हैं। यह दिन बलिदान और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।

इस दो दिनों के सार्वजनिक अवकाश का लाभ सभी नागरिक उठा सकेंगे। हरेला पर्व और मोहर्रम, दोनों ही हमारे समाज के महत्वपूर्ण हिस्से हैं और इनका सम्मान और पालन हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को मजबूत करता है। हरेला पर्व पर पौधारोपण करने से जहां पर्यावरण में सुधार होता है, वहीं मोहर्रम हमें बलिदान और त्याग के महत्व को समझने की प्रेरणा देता है।

आगामी दो दिनों का यह अवकाश राज्य के नागरिकों को अपने परिवार और समाज के साथ समय बिताने का अवसर प्रदान करेगा। इस दौरान लोग हरेला पर्व की खुशी में पौधारोपण कर सकते हैं और मोहर्रम के मौन अवसर पर इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद कर सकते हैं। यह समय एक दूसरे के साथ सहयोग और सद्भावना का प्रतीक बनेगा, जिससे राज्य में सामाजिक समरसता और भाईचारे का माहौल और भी मजबूत होगा।

उत्तराखंड सरकार का यह कदम, जिसमें उन्होंने जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए हरेला पर्व पर अवकाश घोषित किया है, सराहनीय है। इससे न केवल त्योहार की महत्ता को बढ़ावा मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई है। इस पहल से आने वाली पीढ़ियों को भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरणा मिलेगी और वे भी इस परंपरा को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।

इस प्रकार, उत्तराखंड में अगले दो दिनों का सार्वजनिक अवकाश न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता को भी प्रोत्साहित करता है। यह समय राज्य के सभी नागरिकों के लिए एक बेहतर अवसर है कि वे अपने परिवार के साथ त्योहारों की खुशियां मनाएं और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करें।

Jago Pahad Desk

"जागो पहाड" उत्तराखंड वासियों को समाचार के माध्यम से जागरूक करने के लिए चलाई गई एक पहल है।

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