आगरा में नवोदित साहित्य रत्न से सम्मानित हुए उत्तराखंड के कवि संजय परगाँई

  • नवोदित साहित्य रत्न से सम्मानित हुए संजय परगाँई
  • मुझे चालाक बन जीना अभी तक भी नहीं आया
  • आगरा में सम्मानित हुए कवि संजय परगाँई
sanjay-pargai-was-honored-with-navodaya-sahitya-ratna-in-agra

आगरा के एत्मादपुर में श्री अक्षरा साहित्यिक संस्था द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय नव कवि साहित्य स्पर्धा का आयोजन किया गया जिसमें देश के सात राज्यों के 32 कवियों ने काव्यपाठ किया। देशभर से संस्था के पास करीब 150 प्रविष्ठियां आई थी जिसमें से संस्था की चयन समिति द्वारा देशभर के केवल 32 नवोदित युवा कवियों का चयन किया गया। जिसमें ओखलकाण्डा क्षेत्र के सुरंग गांव निवासी कवि संजय परगाँई का भी चयन हुआ था और उन्होंने अपने मुक्तकों की प्रस्तुति के दौरान कहा कि :-


मुझे चालाक बन जीना अभी तक भी नहीं आया ,
सही हरदम रहूँ माँ का यही आशीष है पाया ,
गिराना सब मुझे चाहें मगर ये हो नहीं सकता ,
हमेशा साथ रहता है मेरे माँ बाप का साया ।


कवि संजय ने तकनीकी के आधुनिक युग पर निशाना साधते हुए कहा ” ये ऑनलाइन का दौर है एवं 5G का जमाना है, श्रृंगारिक रूप से कहें तो चैटिंग से दिलों का संयोग हो जाता है स्क्रीनशॉट मात्र भर से दिलों का वियोग हो जाता है।

sanjay-pargai-was-honored-with-navodaya-sahitya-ratna-in-agra

“अपने काव्यपाठ के दौरान महफिल में खूब वाहवाही बटोरी। जिसके बाद संस्था के अध्यक्ष डा. अरुण उपाध्याय, उपाध्यक्ष श्री एलेश अवस्थी एवं सचिव दिलीप बघेल द्वारा संयुक्त रूप से अंगवस्त्र प्रदान कर नवोदित साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया।

इस उपलब्धि पर संजय के शुभचिंतकों ने भिन्न भिन्न माध्यमों से बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

Join WhatsApp Group
Jago Pahad Desk

"जागो पहाड" उत्तराखंड वासियों को समाचार के माध्यम से जागरूक करने के लिए चलाई गई एक पहल है।

http://www.jagopahad.com

You cannot copy content of this page