मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिनव शाह की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन सभागार में हथकरघा बुनकरों, हस्तशिल्पियों और लघु उद्यमियों के लिए एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस दौरान उत्कृष्ट उत्पादों का चयन कर प्रथम और द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गए। जिला स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रूप में ₹6,000 और द्वितीय पुरस्कार के रूप में ₹4,000 की धनराशि प्रदान की गई। चयनित उद्यमियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा।
सीडीओ अभिनव शाह ने कहा कि इन पुरस्कारों का उद्देश्य बुनकरों, हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और उनके उत्पादों को बढ़ावा देना है। उन्होंने उद्यमियों को अपने उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचने की सलाह दी, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें।
इस प्रदर्शनी में हस्तशिल्प श्रेणी में जयश्री चौधरी (पेंटिंग) को प्रथम और पूनम कुमारी (पत्थरों की आकृतियां) को द्वितीय पुरस्कार मिला। हथकरघा श्रेणी में मानसी रांगड़ ने प्रथम और शलाऊदीन सिद्दीकी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। लघु उद्योग उत्पादों में विकास उनियाल (फूलों से धूप निर्माण) को प्रथम और गुरप्रीत कौर (मिलेट आधारित उत्पाद) को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
इसी अवसर पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए। सीडीओ अभिनव शाह ने कहा कि योजना के तहत 18 ट्रेड में से जिनमें कम रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, उन पर विशेष ध्यान देकर अधिक से अधिक कारीगरों का पंजीकरण कराया जाए। उन्होंने जीएम, डीआईसी को निर्देश दिए कि पात्र लाभार्थियों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट उपलब्ध कराई जाए।
जिला उद्योग केंद्र के प्रबंधक अनिल कुमार बलूनी ने बताया कि इस वर्ष 2,500 के लक्ष्य के मुकाबले 2,329 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1,309 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। राज्य कार्यक्रम प्रबंधन यूनिट (एसपीएमयू) की टीम ने योजना के तहत मिलने वाले लाभों और स्टेकहोल्डर्स की जिम्मेदारियों की जानकारी दी।
इस अवसर पर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र अंजनी रावत नेगी, प्रबंधक अनिल कुमार बलूनी, सहायक प्रबंधक स्वराज गुसाई, सेवायोजन अधिकारी मुकेश रयाल, एनएसडीसी से सलोनी पंवार, एसपीएमयू की नेहा, दिव्या राणा, आरूषी रावत सहित कई बुनकर, हस्तशिल्पी एवं उद्यमी मौजूद रहे।