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ज्ञानवापी मस्जिद: मुस्लिम पक्ष Allahabad High Court के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देगा चुनौती

Allahabad High Court ने गुरुवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे कराने के पक्ष में फैसला सुनाया. अब अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (मुस्लिम पक्ष) इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा. मुस्लिम पक्ष शीर्ष अदालत से इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग करेगा. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी हाई कोर्ट के फैसले का अध्यन कर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों से चर्चा कर रही है। बताया जा रहा है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंतजामिया कमेटी की एएसआई सर्वे पर रोक लगाने की याचिका खारिज करते हुए वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा. उच्च न्यायालय ने इससे पहले दोनो पक्षों को सुनने के बाद 28 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. फैसला सुनाते समय, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ‘न्याय के हित में वैज्ञानिक सर्वेक्षण आवश्यक है’।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के अनुसार, ‘फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि माननीय हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए वाराणसी जिला अदालत के फैसले को प्रभावी कर दिया है. एएसआई की तरफ से हलफनामा दाखिल किया गया था. अदालत ने कहा कि एएसआई के हलफनामे पर शंका व्यक्त करने का कोई आधार नहीं है. एएसआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि अगर खुदाई की जरुरत हुई तो कोर्ट से अनुमति ली जाएगी. सर्वेक्षण तुरंत प्रभावी होगा. हाई कोर्ट ने सर्वे के लिए कोई विशेष समय सीमा नहीं लगाई है और कानूनी तौर पर, सर्वेक्षण किसी भी समय किया जा सकता है. उम्मीद है कि आज से सर्वे शुरू हो जाएगा.’

याचिकाकर्ता सीता साहू का कथन

‘हम शुरू से ही इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सर्वेक्षण होना चाहिए. मुझे लगता है कि वही एएसआई टीम आएगी. वे इसे बहुत सावधानी से करते हैं और कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचाते. यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है.’ इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. मुझे विश्वास है कि एएसआई सर्वेक्षण के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी और ज्ञानवापी मुद्दा सुलझ जाएगा.’

हालांकि, अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की कानूनी टीम ने न्यूज18 से पुष्टि की कि वे विस्तृत आदेश प्राप्त करने के बाद अपनी अगली कार्रवाई तय करेंगे. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन ने कहा, ‘वहां मौजूद कई सबूत हैं जो कहते हैं कि यह एक हिंदू मंदिर था. एएसआई सर्वेक्षण से तथ्य सामने आएंगे. मुझे यकीन है कि मूल शिवलिंग को वहां मुख्य गुंबद के नीचे छिपा दिया गया है. इस सच्चाई को छिपाने के लिए ही मुस्लिम पक्ष सर्वे पर बार-बार आपत्ति जता रहा हैं. वे जानते हैं कि इसके बाद यह मस्जिद नहीं रहेगी और वहां एक भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा.’ इधर मथुरा से भाजपा सांसद हेमा​ मालिनी ने अब कृष्ण जन्मभूमि के एएसआई सर्वे का मुद्दा उठा दिया है.

उन्होंने कहा, ‘अच्छा है…सर्वे होना ही चाहिए. इसका डिसीजन जल्द से जल्द होना चाहिए, पूरे देश के लिए अच्छा है. कृष्ण जन्मभूमि का भी सर्वे होना चाहिए. जल्दी से जल्दी सब क्लीयर होना चाहिए.’


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