झाकर सैम मन्दिर का रहस्य

इतिहासकारों के अनुसार सैम देवता की माँ कालीनारा राजा निकन्दर की पुत्री थी। एक बार उसकी कुम्भ के मेले में गंगा स्नान की इच्छा हुई। उसने अपने माता पिता और चाचा से कुम्भ स्नान की अनुमति मांगी। किसी ने उसे अनुमति प्रदान नहीं की ।

जब उसने अपने भाई की पत्नी से अनुमति मांगी तो उसने कहा नान्ज्यू (नन्द जी) इतने लंबे पैदल मार्ग पर अनेक पुरुषों के साथ आप कई दिन रात के सफर पर कैसे जा सकती हैं कहीं मार्ग में कोई पाप चरण हो गया तो किस मुंह से आप वापस आओगी? राजकुमारी बोली जो वृद्ध जन होंगे उन्हें वह बूबू (दादा जी) शब्द से, जो बड़े भाई होंगे उन्हें दाज्यू (बडे भाई) और छोटों को भाई कहकर  सम्बोधित करेगी। इस प्रकार अनुमति पाकर वह तीर्थ यात्रा को निकल पड़ी।

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