जब उसने अपने भाई की पत्नी से अनुमति मांगी तो उसने कहा नान्ज्यू (नन्द जी) इतने लंबे पैदल मार्ग पर अनेक पुरुषों के साथ आप कई दिन रात के सफर पर कैसे जा सकती हैं कहीं मार्ग में कोई पाप चरण हो गया तो किस मुंह से आप वापस आओगी? राजकुमारी बोली जो वृद्ध जन होंगे उन्हें वह बूबू (दादा जी) शब्द से, जो बड़े भाई होंगे उन्हें दाज्यू (बडे भाई) और छोटों को भाई कहकर सम्बोधित करेगी। इस प्रकार अनुमति पाकर वह तीर्थ यात्रा को निकल पड़ी।